
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़ने के बाद वेतनभोगियों के लिए 12.75 लाख रुपये तक की कर योग्य आय टैक्स फ्री होगी। यह कदम मध्यम वर्ग को कर राहत देने, घरेलू खपत बढ़ाने, बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आयकर स्लैब और दरों में बदलाव
सरकार ने नई कर व्यवस्था में बदलाव करते हुए 12 लाख रुपये तक की आय पर शून्य आयकर कर दिया है। यह निर्णय मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने और व्यक्तिगत आयकर प्रणाली को सरल बनाने के लिए लिया गया है।
टीडीएस में किए गए बदलाव
बुजुर्गों को राहत:
पहले 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर टीडीएस नहीं लगता था।
अब यह सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।
किराए पर टीडीएस छूट:
पहले 2.4 लाख रुपये तक की किराये की आय पर टीडीएस नहीं लगता था।
अब यह सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।
इसका लाभ छोटे करदाताओं को मिलेगा, जिन्हें छोटे अंशों में किराया आय प्राप्त होती है।
अपडेटेड रिटर्न की समय-सीमा बढ़ी
अब करदाता 4 साल तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, पहले यह सीमा 2 साल थी।
पहले की कर-मुक्त आय सीमा
वित्त मंत्री के बजट 2024 के अनुसार, पहले 7.75 लाख रुपये तक की सालाना आय (स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद) टैक्स फ्री थी। इसका मतलब था कि 64,000-64,500 रुपये मासिक वेतन वाले व्यक्तियों की आय कर-मुक्त थी। अब इस सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिलेगी।